गुजरात की आपबीतीः 'भीड़ हमें खोज रही थी'
लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर सोमवार आधी रात के बाद साबरमती एक्सप्रेस पहुंची तो ज्यादातर यात्री गहरी नींद में थे लेकिन राज कुमार निषाद को नींद छूकर भी नहीं निकली थी।
from Navbharat Times https://ift.tt/2yr5VFz
Labels: Navbharat Times, NBT, world News Hub
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home